सुनो..
ललित मोदी अच्छे आदमी हैं.
उन्होंने इंडिया को आईपीएल जैसा नया फेस्टिवल दिया, जिसको हमलोग हर साल बड़े धूम धाम से अप्रैल-मई में मनाते हैं. वो बात अलग है कि इस ख़ुशी मे उन्होंने कुछ
ज्यादा ही मिठाई खा ली और आजकल लंदन में बेड रेस्ट कर रहे है. उसी ‘खानेपीने’ के मैटर
में ईडी उनको खोज रही है. तो क्या हुआ? खोज तो हमलोग दाऊद इब्राहीम को भी रहे हैं.
सुषमा जी भी अच्छी इंसान है. बहुत अच्छी नेता हैं. अच्छा बोलती
हैं. बीजेपी में अच्छा बोलने वाले बहुत लोग हैं. कांग्रेस में भी कुछ लोग बहुत
अच्छा बोलते हैं. हमलोग..आम जनता..अच्छा सुनते हैं. 67 साल से बहुत इत्मीनान से
सबको सुनते आ रहे हैं.
खैर.. अब सुनो!
बांसुरी स्वराज लॉयर हैं. ऑक्सफ़ोर्ड में पढ़ी हैं. सुषमा जी की बेटी हैं. मोदीजी(ललित वाले!) के लिए बहुत बार कोर्ट कचहरी का चक्कर लगायी हैं. आखिर में मोदीजी(ललित वाले) का पासपोर्ट इशू करवा ही दिया. (डिस्क्लेमर: अब से इस आर्टिकल में 'मोदीजी' को 'ललित' ही समझा जाए. थैंक्यू) उस वक़्त तक सुषमाजी विदेश मंत्री बन
चुकी थीं. तब किसी के पेट में दर्द नहीं हुआ. राहुल बाबा को भी खांसी नहीं आई. ईडी के लोग भी, जिन्हें कोर्ट के इस आर्डर के खिलाफ अपील करनी चाहिए थी वो उस वक़्त 'मोदी मैजिक' और 'कहानी अच्छे दिनों की' टाइप सपने देखने दिखाने में बिजी थे.
कीथ वाज हैं. लंदन में बड़े
पावरफुल लीडर हैं. वो भी अच्छे इंसान ही होंगे !!
"ऐ ऐ रुको, इ कहाँ से बीच में आ गये? इ त लंदन के नेता हैं न. इनको साइड करो."
"ओके.."
"हाँ अब आगे बोलो.."
स्वराज कौशल हैं. ये भी लॉयर हैं. सुषमाजी
के हसबैंड हैं. ये भी बहुत दिन तक मोदीजी को अपनी सर्विस दे चुके हैं.
"उ सब त ठीक है...लेकिन हम इ सुनके का करें. ऐसे ही देश में बहुत प्रॉब्लम है. गरीबी है, बेरोजगारी है, करप्शन है, किसान हैं.."
"चुपो, साले छोटे आदमी, कर दिए न छोटा बात. यही सब प्रॉब्लम लेके रोते रहते हो. देश आगे बढ़ रहा है.. दिखाई नहीं दे रहा है? कितना बड़ा बड़ा प्रॉब्लम सब है देश के सामने. मुसलमान योगा नहीं करना चाहते हैं..उनसे फरियाना है. पाकिस्तान एटम बम का धमकी दे रहा है, उसको गरियाना है. लोग कश्मीर को लेकर दुखी हैं. राम मंदिर बनवाना है, सलमान के जेल जाने का टेंशन है. एकरो से ज्यादा बड़ा प्रोब्लम है का तुम्हारा?"
"..."
आगे सुनो.
अरुण जेटली हैं. वो भी
अच्छा बोलते हैं और करते भी हैं. ये सिंगल पर्सन हैं जो मोदीजी के अपोजिशन में
हैं. उनकी रिपोर्ट पर ही बीसीसीआई से मोदीजी का ब्रेकअप हुआ था. आज वही
फाइनेंस मिनिस्टर हैं. ईडी के बॉस हैं. वही ईडी जो मोदीजी को खोज रही है. और बीजेपी का बच्चा बच्चा जानता हैं कि जेटली अंकल और सुषमा आंटी के बीच 36 वाला मामला है.
"अब कुछ बात बुझाया?"
"न.."
"तुमको का बुझाएगा.. तुम बस बिजली पानी के लिए रोते रहो.."
देखो ये सब बड़े लोग हैं. इसलिए इनका प्रॉब्लम भी बड़ा है. बड़ा आदमी बनना है तो बड़े प्रॉब्लम के बारे में बात करो.
ये सोचो कि सुषमा जी के हसबैंड और बेटी मोदीजी का केस क्यों लड़ रहे थे ये
जानते हुए भी कि सुषमाजी एक नेशनल पार्टी की पावरफुल लीडर हैं जो कभी पीएम कैंडिडेट भी बन सकती हैं.
"हाँ.. अब जितना कहे उतना ही
सोचना. 'क्वात्रोची और एंडरसन कैसे भाग गए, कौन भगा दिया?' इसके बारे में मत सोचने लगना."
थैंक्यू ललित मोदी. टेस्ट चेंज करवाने के लिए.
चलते चलते ये कार्टून भी..
फोटो सोर्स: इंडियन एक्सप्रेस/मंजुल
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