Friday 12 June 2015

म्यांमार ऑपरेशन: कुछ बातें मेरी भी..

बहुत टेंशन वाली बात है.
कुछ लोग कह रहे हैं, इंडियन आर्मी ने म्यांमार में घुस के मारा. कुछ कह रहे हैं, नहीं मारा. सच क्या है ये तो आर्मी के लोग ही जानें. हमलोगों के मतलब की बात ये है कि अगर आर्मी ने म्यांमार में जाकर ही कोई ऑपरेशन किया तो भाई इतना हल्ला गुल्ला मचाने की क्या जरुरत है?
हमारी आर्मी की बहादुरी और काबिलियत पर किसी को कोई संदेह नहीं है, लेकिन...बात बुरी तब लगती है जब अपनी जान पर खेलकर दुश्मनों को ठिकाने लगानेवाली सेना के कामों का श्रेय मोदीजी के सर बाँधने की हरसंभव कोशिश की जाने लगती है. और इस काम में सरकार के मंत्री संतरी से लेकर सोशल मीडिया में बड़ी संख्या में उपस्थित पेड एक्टिविस्टों के साथ ही कुछ अवसरवादी मीडिया हाउसेज भी लगे हुए हैं.
‘मोदीजी की वजह से ही आर्मी ने ऐसा काम किया..’ इस बात की पब्लिसिटी कुछ ऐसे की जा रही है जैसे इंडियन आर्मी ने पहले कभी किसी बॉर्डर को क्रॉस करने की हिम्मत ही न दिखाई हो. ये लोग शायद भूल गए हैं कि कारगिल वॉर के अंत में भी हमारी बहादुर सेना पकिस्तान की बॉर्डर पर खड़ी थी और दिल्ली वाले सिग्नल के इन्तजार में थी. वो तो अचानक से वाजपेयीजी को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की याद आ गयी वरना आज करांची और अमृतसर एक रंग के ही होते.
माना कि आर्मी को ऐसे ऑपरेशन अंजाम देने के आर्डर मोदीजी से ही मिले होंगे और बिना टॉप लेवल के पोलिटिकल कंसेंट के ऐसे कदम उठाना संभव भी नहीं है. मगर ये कोई एहसान नहीं किया है मोदीजी ने या बीजेपी ने, देश की जनता पर. जैसा की महान हिन्दू संस्कृति के रखवाले अपनी संस्कारी भाषा में कथित सिक्युलरों, खान्ग्रेसियों और प्रेस्टिट्युटो  को गालियाँ देते हुए बता रहे हैं. देश की जनता को सुरक्षित रहने का हक़ है, और इसलिए वो सरकार चुनती है.
                                     खैर, बात आज की.. इतना हो हल्ला मचाया इनलोगों ने कि जिस म्यांमार ने पहले ये कहा कि ‘सबकुछ आपसी सहमति से हुआ है’ उसने भी आखिर गुस्से में बात बदल दी और कह दिया कि ‘हमारी जमीन पर ऐसा कुछ नहीं हुआ है. इनलोगों ने अपने एरिया में ही सब किया है.’ कितनी शर्म की बात है, कोई आपको अपने घर में आकर आपके दुश्मन को मारने का मौका भी दे और आप मार्किट में कहते फिरें कि, ‘हमने तो उसके घर में घुस के मारा और सुन लो दुनियावालों, तुम्हारे घर में भी घुस के मारेंगे.’ बस..ले लिया बदला म्यांमार वालों ने. क्या खूब इज्ज़त उछाली है इंडिया की दुनिया के सामने..!!
अब एनएसए अजीत डोभाल  म्यांमार जायेंगे सोफरामाइसिन  लगाने.

बहुत अच्छी बात है कि सेना को फ्रीडम दी जा रही है ‘आँख का बदला आँख’ से लेने की. इससे इंडिया की ‘सॉफ्ट नेशन’ वाली इमेज बदलेगी. लेकिन ये भी ध्यान रखना होगा गवर्नमेंट को कि अपनी वाहवाही कराने के चक्कर में सेना के किसी कार्रवाई पर विवाद न हो. सभी जानते हैं कि अपने देश में भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो सेना को बदनाम करने के किसी भी मौके से पीछे नहीं हटते.

साथ ही एक और विवाद इन दो फोटोज को लेकर भी है जिन्हें ANI ने म्यांमार ऑपरेशन से रिलेटेड बताकर पोस्ट किया था.


बाद में सोशल मीडिया पर इन फोटोज के पुरानी होने की बातें सामने आई तो जहां ANI ने खुद आर्मी से ये फोटोज मिलने की बात कही वहीँ आर्मी स्पोक्सपर्सन ने सेना या सरकार द्वारा इस ऑपरेशन से रिलेटेड किसी भी फोटो, वीडियो के जारी किये जाने से इनकार कर दिया.
गूगल सर्च करने पर एक फोटो की कुछ दूसरी ही कहानी सामने आई.


उम्मीद है.. सरकार इन घटनाओं से कुछ सबक लेगी और आगे से ऐसी बातों को मीडिया में लाने से पहले
थोडा संयम बरतेगी.

चलते चलते ये कार्टून भी..

सभी फोटो सोर्स: गूगल इमेज/एचटी मीडिया/फेसबुक

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